जगनेर में दैवीय राजयोगिनी विमला बहन का मनाया स्मृति दिवस
खेरागढ़: ताजनगरी आगरा की खेरागढ़ तहसील क्षेत्र के कस्बा जगनेर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की दैवीय राजयोगिनी बीके विमला बहन का छठवां स्मृति दिवस मनाया गया। इस पावन अवसर पर संस्था की ओर से उपस्थित बीके भाई बहनों ने उनके जीवन के बारे में जानकारी देते हुए उपस्थित अतिथियों, ब्रह्मावत्सों ने उन्हें श्रद्धांजलि देकर श्रदा सुमन अर्पित किए।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र जगनेर पर आगरा की जॉन इंचार्ज रही दैवीय राजयोगिनी बीके विमला बहन की छठवीं पुण्यतिथि पर उनका स्मृति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी अतिथियों, संस्था से जुड़े ब्रह्मावत्सो ने मां दुर्गा के रूप में सजाई गई कन्या को तिलक लगाकर और विमला बहन के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही जगनेर सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बीके एकता बहन ने विमला बहन की विशेषताओं का वर्णन करते हुए बताया कि बहन जी ममता की मूरत, स्नेह की सूरत और शक्तिस्वरूप मां दुर्गा के समान थीं। माउंट आबू से आए राजयोगी बीके नीरज भाई ने बताया कि विमला बहन ब्रह्माकुमारी यज्ञ की प्रथम समर्पित ब्रह्माकुमारी थी। उनके अंदर नेतृत्व की अद्भुत कला और सभी को एक साथ संगठन के सूत्र में पिरोकर चलती थीं। उन्होंने सिर्फ आगरा ही नहीं, समूचे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड आदि भारतवर्ष के अनेकों प्रांतों में अपनी सेवाएं देकर लोगों के जीवन में खुशहाली लाने का अलौकिक कार्य किया। इस अवसर उपस्थित अतिथियों ने भी अपने शब्द सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से जुड़े सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में शामिल हुई छोटी सी बच्ची नंदिनी ने भी नृत्य के माध्यम से विमला बहन को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं राजस्थान के रूपवास सेवा केंद्र से आई प्रभारी बीके शिखा बहन ने विमला बहन के जीवन को एक स्नेह भरे गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस दौरान विमला बहन के दुर्गा स्वरूप को चैतन्य देवी के रूप में सजाया गया, जिनकी अग्रवाल समाज जगनेर के अध्यक्ष ब्रजमोहन मित्तल, जगनेर देहात प्रधान आशीष सिंघल, डॉ दुबे आदि और सभी ब्रह्मावत्सों ने कंचन थार लेकर मंगल आरती की। कार्यक्रम में संस्था से जुड़े जगनेर और रूपवास के सभी ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।
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