खेरागढ़ में सेतु निर्माण की आजादी के समय से उठ रही थी मांग, अब जाकर मिली स्वीकृती
आगरा: विधानसभा 2017 कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर भी बीजेपी के क्षेत्रीय विधायक महेश गोयल की सक्रियता से खेरागढ़ में ऊंटगन नदी सेतु के निर्माण को उपमुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है।
खेरागढ़ विधायक महेश गोयल विधानसभा के अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रीय जनता के प्रति प्रेम एवं समर्पण आज भी पहले की तरह तरोताजा है। जिसका परिणाम है कि आजादी के समय से क्षेत्र की जनता ऊंटगन नदी पर सेतु के निर्माण की मांग कर रही थी जिसकी अब जाकर शासन से स्वीकृति मिली है।
खेरागढ़ विधायक महेश गोयल ने बताया कि देश के आजादी के वर्ष 1947 से ही विकास खण्ड खेरागढ़ में ग्राम धनकशा स्थित ऊंटगन नदी सेतु निर्माण की आवाज खेरागढ़ की जनता उठाती रही है। जिसके निर्माण की स्वीकृति के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से कई बार मुलाकात कर चुके थे। जिसके फलस्वरूप अब 17 दिसम्बर 2021 को ऊंटगन नदी पर सेतु निर्माण की स्वीकृति उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के कार्यालय से मिली चुकी है। जिसकी आगे की धन आवंटन की प्रक्रिया के लिए अपर सचिव निर्माण और मुख्य लोक के लिए पत्र भेज दिया गया है। जिसके पूर्ण होते ही सेतु निर्माण का कार्य शीघ्रता से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की विकास कार्यो की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना ही प्रथम लक्ष्य है।
21 नए मार्गों के निर्माण की भी मिली स्वीकृती
उंटगन नदी पर सेतु निर्माण के साथ साथ शासन ने क्षेत्र की जनता की समस्याओं के आवागमन को सुगम बनाने के मद्देनजर 21 नए नव मार्ग बनाने की भी स्वीकृति दे दी है।
करोड़ों की लागत से बनेगा सेतु
उंटगन नदी पर बनने वाले सेतु की लागत करोड़ों रुपए में आएगी। उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने प्रारंभिक तौर पर करीब सवा नौ करोड़ रूपए का एस्टीमेट बनाकर तैयार किया हैं।
देरी से मिला स्वीकृति पत्र
आदर्श आचार संहिता में विकास कार्य से संबंधित सवाल पर विधायक महेश गोयल के निजी असिस्टेंट सौरभ ठाकुर ने बताया कि डाक द्वारा पत्र मिला हैं जिसके कारण देरी हुई है।
वर्जन: क्षेत्रीय विधायक महेश गोयल ने बताया कि क्षेत्र में बीजेपी सरकार ने बहुत विकास कार्य हुए है। उन्होंने हरसंभव क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए लोगों की समस्याएं शासन तक पहुंचाई हैं जिन पर लगातार विकास हुआ है। अभी भी करीब बीस से पच्चीस कार्य ऐसे है जिन्हें मंजूरी मिलना रह गया है।
Comments
Post a Comment