कार के बोनट में 6 फुट का अजगर देख मालिक के उड़े होश, वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने किया रेस्क्यू up_agr_seeing_a_6-foot_python_in_the_bonnet_of_the_car_the_owner_was_blown_away_the_team_of_wildlife_sos_did_the_rescue_date_30_10_2021

आगरा: शनिवार को आगरा के थाना सिकंदरा छेत्र में पार्किंग में खड़ी एक होंडा कार के बोनट से 6 फुट लंबे इंडियन रॉक पायथन (अजगर) का वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की टीम ने सफल रेस्क्यू किया। टीम ने सांप को फिलहाल अपनी निगरानी में रखा है और जल्द ही फिट होने पर वापस उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।


होंडा कार के बोनट में 6 फुट का अजगर मिलने की सूचना पर पहुंची टीम


जानकारी के मुताबिक थाना सिकंदरा छेत्र में पार्किंग में खडी एक होंडा कार के बोनट के अंदर 6 फुट लंबा अजगर दिखाई दिया। कार के बोनट में अजगर होने की सूचना पर खलबली मच गई। आनन फानन में लोगों ने वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की टीम को कॉल करके कार के बोनट में एक बड़े अजगर के होने की सूचना दी। सूचना मिलने पर शीघ्र वाइल्ड लाइफ एसओएस रिस्पांस यूनिट की तीन सदस्यीय टीम अपने सुरक्षा उपकरणों के साथ लेकर मौके पर पहुंच गई। बचाव दल अजगर को पकड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अजगर इंजन के नीचे खिसक गया। अजगर की एक झलक पाने के लिए कार के आसपास काफी भीड़ जमा हो गई थी, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने में टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सावधानी बरतते हुए, भीड़ को नियंत्रण में किया और काफी मशक्कत के बाद सांप को बाहर निकाला।और सफल रेस्क्यू कर उसे बचाया।


 अजगर को कार मालिक ने इंजन के ऊपर बैठा देखा। उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस से उनकी हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर संपर्क किया, जो संकट में जानवरों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है।


                 अजगर को फिलहाल टीम ने निगरानी में रखा है और पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसे वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा।


वाइल्डलाइफ एसओएस को कॉल करने वाले, सुमंत झा ने टीम को बताया कि मैंने वाइपर वॉशर में पानी भरने के लिए कार का बोनट खोला तो वहां इतने बड़े अजगर को देखकर चौंक गया। मैंने तुरंत बोनट बंद कर दिया और वाइल्डलाइफ एसओएस से उनकी 24 घंटे की हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर संपर्क किया।


वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक, कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि अजगरों के बड़े आकार के कारण, ऐसे बचाव अभियान कठिन और जोखिम भरे हो सकते हैं। हमारी टीम ऐसे संवेदनशील बचाव अभियानों को सावधानीपूर्वक संभालने के लिए प्रशिक्षित है। जिनसे जनता और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।


वहीं वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा कि अजगर भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रों का मूल निवासी है। ज़हरीले रसल वाईपर सांप के समान दिखने के कारण इन्हें भी जहरीला मान लिया जाता है। वास्तव में ये अजगर ज़हरीले नहीं होते।




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